Type Here to Get Search Results !

story in hindi,hindi story for kids अच्छी तरह साफ कर उसमें पानी भर दिया

 story in hindi,hStories statusindi story for kid's



केशव के शरीर के घर, कंगनी के ऊपर एक पक्षी द्वारा अंडे दिए गए थे। केशव और उसकी बहन श्यामा दोनों ने ध्यान से पक्षी को हिलते हुए देखा। सुबह-सुबह दोनों आंखें कार्निस के सामने पहुंच जातीं और वहां पंछी और पंछी दोनों को ढूंढतीं। न जाने दोनों बच्चों को देखकर कैसा लगेगा, दूध और जलेबी भी नहीं संभाल पा रहे थे। दोनों में तरह-तरह के सवाल उठने लगे। एड कितना बड़ा होगा? वह कौन सा रंग होगा? आप क्या खाएंगे? उनमें से कितने बच्चे निकलेंगे? बच्चों को III कैसे प्राप्त करें? घोंसला कैसा है लेकिन इन बातों का जवाब देने वाला कोई नहीं है। न तो अम्मा घर के कामों से मुक्त थीं और न ही बाबूजी पढ़ते-लिखते थे। दोनों बच्चे आपस में सवालों के जवाब देकर दिल को सुकून देते थे। श्यामा कहती हैं- भाई, बच्चे क्यों छोड़ कर तुरंत उड़ जाएंगे? री पगली सबसे पहले रवाना होंगे। गरीब लोग कैसे उड़ेंगे?


श्यामा कहती- भैया, बच्चे क्यों छोड़ कर फौरन उड़ जाएंगे? जैसे केशव विद्वान गर्व से कहेंगे-नहीं री पगली, पहले निकलेगा। ग़रीब लोग बिना पर्दों के कैसे उड़ सकते हैं? श्यामा - बेचारे बच्चे क्या खिलाएंगे? केशव इस कठिन प्रश्न का उत्तर नहीं दे सके। इस तरह तीन-चार दिन बीत गए। दोनों बच्चों की उत्सुकता दिन-ब-दिन बढ़ती गई। वे अंडे देखने के लिए अधीर हो जाते थे। बच्चों के भरण-पोषण का सवाल अब उनके सामने आ गया। बेचारी चिड़िया इतना खाना कहाँ रखेगी कि सारे बच्चों का पेट भर जाए! गरीब बच्चे भूख से मरेंगे। इस समस्या का अहसास होने पर दोनों डर गए। उन दोनों ने कंगनी पर थोड़ा सा दाना रखने का निश्चय किया। श्यामा ने प्रसन्नता से कहा - तब चिड़िया को चारा के लिए कहीं उड़ना नहीं पड़ेगा ना ? 


2 मूर्ख मित्र केशव - क्यों नहीं ? श्यामा- क्यों भाई, बच्चों को धूप नहीं लगेगी? केशव का ध्यान इस समस्या की ओर नहीं गया। कहा- कष्ट हुआ होगा। बेचारे प्यासे होंगे। ऊपर की छाया के अलावा कोई नहीं। आखिर घोल के ऊपर कपड़े की छत बनाने का निर्णय लिया गया। एक कप पानी और कुछ चावल रखने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। दोनों बच्चे बड़े चाव से काम करने लगे। श्यामा ने अपनी माँ की आँखों को बचाया और चावल को बर्तन से बाहर लाया। केशव ने चुपके से पत्थर के प्याले का तेल जमीन पर गिरा दिया और उसे अच्छी तरह साफ कर उसमें पानी भर दिया। अब चाँदनी के लिए कपड़ा कहाँ से आया? फिर ऊपर बिना लाठी के कपड़े कैसे ढँकेंगे और लाठियाँ कैसे खड़ी होंगी? काफी देर तक केशव इसी हंगामे में रहा। आखिरकार उन्होंने इस मुश्किल को भी सुलझा लिया। उसने श्यामा से कहा - जाओ कूड़ेदान की टोकरी उठाओ। अम्मा जी को मत दिखाओ। श्यामा - वह बीच से फटी हुई है। धूप नहीं होगी? केशव ने झेंपते हुए कहा- अगर तुम टोकरी ले आओ तो मैं उसके छेद को रोकने के लिए कुछ भी समय लूंगा। श्यामा दौड़ी और टोकरी उठाई। केशव ने अपनी सुराख़ को कागज का एक छोटा टुकड़ा दिया और फिर टोकरी को टहनी से टिका दिया - देखो, मैं इसे इस तरह घोंसले पर रखूँगा। फिर धूप कैसे होगी? श्यामा ने मन ही मन सोचा, भाई कितना होशियार है।



डांट को अच्छी तरह से थाम लेना, नहीं तो मैं नीचे उतरकर बहुत मारूंगा। लेकिन बेचारी श्यामा का दिल ऊपर कनिस पर था। बार-बार उसका ध्यान वहीं जाता और हाथ ढीले पड़ जाते। जैसे ही केशव ने कार्निस पर हाथ रखा, दोनों पक्षी उड़ गए। केशव ने देखा, कुछ तिनके कंगनी पर पड़े हैं और तीन अंडे उन पर पड़े हैं। पेड़ों पर उसने जो घोंसलों को देखा, उसके समान कोई घोंसला नहीं है। श्यामा ने नीचे से पूछा- क्या तुम्हारे बच्चे हैं? केशव - तीन अंडे हैं, बच्चे अभी तक नहीं आए हैं श्यामा - हमें दिखाओ भाई, तुम कितने बड़े हो? केशव - मैं तुम्हें दिखाऊंगा, पहले थोड़ा सा लत्ता लाओ, मैं लेट जाऊंगा। गरीब अंडे तिनके पर रहते हैं। श्यामा दौड़कर अपनी पुरानी धोती फाड़ कर एक टुकड़ा ले आया। केशव ने झुककर कपड़ा लिया, उसे मोड़ा और गद्दी बनाकर तिनकों पर रखकर उस पर धीरे से तीन अंडे रख दिए। तब श्यामा ने कहा- मुझे भी दिखाओ भाई। केशव - मैं तुम्हें दिखाऊंगा, पहले मुझे वह टोकरी दे दो, उसे छाने दो। श्यामा ने नीचे से टोकरी थमाते हुए कहा - अब तुम नीचे आओ, मैं भी देवू? केशव ने टोकरी को टहनी से टिका दिया और कहा - जाओ, अनाज और पानी का प्याला ले आओ, जब मैं उतरूंगा तो तुम्हें दिखाऊंगा। श्यामा एक प्याला और चावल भी ले आया। केशव ने दोनों सामान टोकरी के नीचे रख दिया और धीरे से नीचे आ गया। श्यामा ने बड़ी शिद्दत से कहा- अब मुझे भी दे दो भाई। केशव - तुम गिर जाओगे। श्यामा - मत गिरो भाई, नीचे से पकड़ लो।






Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad