एक स्त्री को 11 वर्ष राह देखने के बाद माता बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है वो खुद गभीरं रोग से जूझ रही होती है
बालक जन्म टाइम बोहत बड़ा खतरा खड़ा हो जाता है ,, 9 घण्टे तक डाक्टर अपना श्रेष्ठ प्रयास करते है ।
अतः समय ऐसा कुछ होता है , जिसे डॉ यह कहते है कि माता या बालक को इनमें से किसी एक को ही बचाया जा सकता है , आखिर में डॉ उस माता से पूछते है कि किसी एक को बचाया जा सकता है , क्या करें , माँ ने बेझिक़ जवाब दिया बालक को बचाया जाए अंतिम दृश्य फ़ोटो में आप देख सकते ,, बालक को माँ चुमती हुईं , इस दुनिया से विदा लेती है ,
जिस डॉ ने ऑपरेशन किया था ,,, पास बैठा नमः आँखों से यह सब देख रहा था , उसके भी आँसू रुके नही रुक रहे थे ,, माँ के प्यार आगे हमारे पास सब्द नही
जोधपुर की सुहानी बेटी को जन्म दे , चल बसी मां , लेकिन जाते - जाते दो नेत्रहीनों को दे गई रोशनी महिला की देर रात डिलीवरी हुई , इस दौरान उसकी मौत हो गई । इस हादसे के बाद भी महिला के परिवार ने हिम्मत नहीं हारी और आंखें दान करवाई । ताकि ये आंखें | किसी को रोशनी दिखा सकें ।
पढ़ने की जरूरत 11 साल के इंतजार के बाद एक महिला को मिला मां बनने का सौभाग्य वह एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थी ..... बच्चे के जन्म के समय उसकी जान को खतरा होता है ।
# ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर 8 घंटे तक अपना बेस्ट देते हैं । दिन के अंत में , केवल माँ या बच्चा ही जीवित रह सकता है । आखिरकार डॉक्टर मां से पूछकर अपने फैसले को लागू करने का फैसला करता है । मां अपनी जान की कीमत पर भी बच्चे को बचाने के लिए कहती है । जन्म के बाद मां आखिरी बार बच्चे को चूमती और गले लगाती है । मुस्कान फिर हमेशा के लिए अपनी आँखें बंद कर लेती है । बच्चा रो रहा है । # डॉक्टर की आंखों में भी आंसू हैं । बच्चे के अपने बच्चे को बचाने के लिए जान भी दे सकती है जान ... मां का नमन मातृ शक्ति