बाड़मेर में अकाल जैसे हालात
12 लाख हेक्टेयर बुवाई का जल्द शुरू होगा सर्वे, सर्वे में एग्रीकल्चर
12 लाख हेक्टेयर बुवाई का जल्द शुरू होगा सर्वे, सर्वे में एग्रीकल्चर
Barmer news |
रेवन्यू और बीमा कंपनी के होंगे कर्मचारी
कलेक्टर बोले किसानों को समय पर मिले फसल खराबे का मुआवजा
बाड़मेर,20 अगस्त। बाड़मेर में बारिश नहीं होने के कारण अकाल की आहट के बाद जिला प्रशासन ने भी तैयारी कर ली है। कलेक्टर लोक बंधु ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जिला स्तरीय बैठक कर जिले में खरीफ की फसल बुवाई का सर्वे करने के निर्देश दे दिए हैं। जिले में जल्द ही कृषि, राजस्व विभाग और बीमा कंपनी संयुक्त टीमें बनाकर सर्वे करना शुरू कर देंगी। इससे समय पर किसानों को मुआवजा मिल सके।
दरअसल, बाड़मेर में औसत बारिश का आंकड़ा 370 एमएम है, इसके बावजूद अब तक 85 एमएम बारिश हुई है यानी इन दिनों जिला सूखे की चपेट में है।
बाड़मेर जिले में करीब एक माह पहले बारिश हुई थी। इस बारिश में जिले के पादरू, कल्याणपुर, सनावड़ा, हाथीतला सहित कई इलाकों में किसानों ने खेतों में बुवाई की थी लेकिन उसके बाद बारिश नहीं हुई है। उस समय करीब 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई थी है, लेकिन बारिश नहीं होने की वजह खरीफ की फसलें जल चुकी हैं। खरीफ फसल की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा किया गया था।
जिला कलेक्टर लोक बंधु ने खरीफ फसल खराबे को लेकर उपखंड अधिकारी, कृषि विभाग के उपनिदेशक वीरेन्द्रसिह सोलंकी और बीमा कंपनी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी) के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर जिले में 12 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है, लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से अब फसलें जलने के कगार पर हैं। पीएम फसल बीमा योजना की गाईडलाइन के अनुसार समय पर टीमें बनाकर सर्वे किया जाए।
कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाइडलाइन के अनुसार समय पर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं जिससे किसानों को फसलों का मुआवजा समय पर मिल सके। एग्रीकल्चर विभाग के उपनिदेशक वीरेन्द्र सोलंकी ने बताया कि मंगलवार से सर्वे का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस सर्वे में एग्रीकल्चर, रेवन्यू, बीमा कंपनी के कर्मचारी सर्वे करने जाएगे और वहां के स्थानीय सरपंच और जनप्रतिनिधि साथ में रहेंगे। तहसील स्तर पर टीमें बनाकर सर्वे शुरू कर दिया जाएगा।
तापमान मैं बढ़ोतरी
बाड़मेर में इन दिनों गर्मी का पारा तेजी से बढ़ते हुए 40.3 डिग्री तक पहुंच गया है। बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। खेतों में बोई फसलें जलकर नष्ट हो रही हैं।
बुवाई के लक्ष्य से हुई कम खेती
बाड़मेर जिले में औसत बारिश से कम होने से लक्ष्य से कम बुवाई हुई है। जिले में खरीफ फसल बुवाई का लक्ष्य 14.79 लाख हेक्टर का था लेकिन बुवाई 12 लाख के आसपास हुई है। अब यह फसले भी बारिश नहीं होने की वजह से जलने के कगार पर है।
जिले में बारिश
19-20 जून को बाड़मेर जिले के शिव व बायतु इलाके के कुछ गांवा में अच्छी बारिश हुई थी, जिसमें किसानों ने खेती की। इसके बाद कई भी अच्छी बारिश नहीं हुई है। इसके बाद बूंदाबांदी जरूर हुई थी। लेकिन बारिश का इंतजार करते करते आधे से ज्यादा इलाकों के किसान थक गये।
गडरारोड में सर्वाधिक 163 व सबसे कम चौहटन में 39 एमएम बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में अब तक 85.23 एमएम बारिश दर्ज की गई। गडरारोड तहसील में सर्वाधिक 163 एमएम बारिश हुई है। वहीं सबसे कम चौहटन में सिर्फ 39 एमएम पानी बरसा। सिणधरी में 137 व सिवाना में 146 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। तीन तहसीलों को छोड़ शेष सभी जगह बारिश ने सौ का आंकड़ा भी पार नहीं किया। यानी औसत से 80 फीसदी कम बारिश हुई है। बाड़मेर में 69, रामसर में 77, बायतु में 66, गिड़ा में 94, शिव में 74, गडरारोड़ में 163, चौहटन में 39, सेड़वा में 60, गुड़ामालानी में 56, सिणधरी में 137, सिवाना में 146, समदड़ी में 98, पचपदरा में 93, धोरीमन्ना में 48 और बालोतरा में 68 एमएम बारिश हुई है।