फिल्म 'शेरशाह'
कप्तान विक्रम बत्रा ने साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय क्षेत्र की रक्षा करते हुए
शेरशाहविक्रम बत्रा के पेरेंट्स - ने की डिंपल चीमा के बाबा बॉलीवुड एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी की फिल्म 'शेरशाह' को ऑडियंस से खूब सराहना मिल रही है
SherShahVikram Batra' |
और अब विक्रम बत्रा के पेरेंट्स, ने भी इस फिल्म पर अपना पॉजिटिव रिव्यू दिया है। एक इंटरव्यू में बात करते हुए, विक्रम बत्रा के पेरेंट्स ने कहा कि उन्होंने सिद्धार्थ और कियारा की कास्टिंग को मंजूरी दे दी है। साथ ही गिरिधर लाल बत्रा और कमल कांता बत्रा ने इसे बहुत अच्छी तरह से बनाई गई फिल्म कहा है।
विक्रम के पिता ने डिंपल को बहुत ही सम्मानजनक लड़की कहाविक्रम के पिता ने यह भी कहा, "जब तक मेरा बच्चा गलत रास्ते पर नहीं जा रहा है, मैं हमेशा एक लिबरल पिता रहा हूं। विक्रम ने हमें डिंपल और उनके साथ शादी करने के इरादे के बारे में बताया था। मैंने उनसे कहा था कि मैं उनके फैसले में उनके साथ हूं। मुझे शुरुआत से पता था कि डिंपल एक बहुत ही सम्मानजनक लड़की है जो रिश्तों को समझती है।" उन्होंने डिंपल के बारे में भी बात की और जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या वो अभी भी उनके संपर्क में हैं। तो जवाब में विक्रम के पिता ने कहा, "वो हमें साल में दो बार हमारे बर्थडे पर फोन करती हैं।
विक्रम के पिता ने डिंपल से कहा था शादी करने के लिए
विक्रम के पिता कहते हैं, "कारगिल युद्ध के बाद, हमने उनसे शादी करने के लिए कहा क्योंकि उनके पास आगे की लाइफ है। उनके माता-पिता ने भी उनसे यही कहा। लेकिन उन्होंने हमें बताया कि वो शादी नहीं करेंगी और अपनी बाकी की लाइफ विक्रम की यादों के साथ जीएंगी।
कियारा फिल्म की शूटिंग से पहले मिली थीं डिंपल से
फिल्म की शूटिंग से पहले कियारा डिंपल से मिली थीं और इस मीटिंग में डिंपल ने विक्रम के साथ अपनी लव स्टोरी की कई सारी बातें कियारा से शेयर की थीं ताकि वो फिल्म की शूटिंग आसानी से कर पाएं। दोनों की मुलाकात चंडीगढ़ में हुई थी और एक घंटे की मुलाकात बात करते-करते चार घंटे में तब्दील हो गई थी। कियारा ने एक इंटरव्यू में इस बारे में बात की थी और कहा था, "डिंपल ने अपने लिए ऐसी ही लाइफ चुनी और वो अभी भी उतनी ही खुश रहती हैं जैसे कि कैप्टन बत्रा उनके आसपास ही हों। जब मैंने डिंपल से पूछा कि आपको अकेले रहते इतने साल हो गए ओ तो वो बोलीं, इससे फर्क नहीं पड़ता। मैं विक्रम से नाराज हूं, लेकिन जब उनसे मिलूंगी तो मिलकर सारी शिकायतें दूर कर लूंगी।
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कप्तान विक्रम बत्रा ने साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय क्षेत्र की रक्षा करते हुए अपनी जिंदगी को राष्ट्रसेवा में लगा दी। उनकी बहादुरी की वजह से उन्हें 'शेरशाह' कहा जाता था। फिल्म 'शेरशाह' में सिद्धार्थ, बत्रा की कहानी को जीवंत करेंगे। विक्रम बत्रा को शहीद होने के बाद परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया, जो भारत का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। इस फिल्म को विष्णु वर्धन ने डायरेक्ट किया है।