जन्माष्टमी के दिन ये काम नहीं करना चाहिए...
जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। मान्यता के अनुसार तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है।
12 बजे से पहले नहीं खोलना चाहिए जन्माष्टमी का व्रत...
जो कोई भी इस दिन व्रत रखता है, वह 12 बजे के बाद चंद्रमा को देखने के बाद ही अपना उपवास तोड़ता है। हालांकि कुछ लोग 12 बजे बिना चांद देखे ही व्रत तोड़ देते हैं।
इस जन्माष्टमी पर बन रहे द्वापर युग जैसे संयोग...
इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसा संयोग बन रहा है। बता दें कि श्री कृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में रोहिणी नक्षत्र और वृष राशि में हुआ था। वही इस साल भी...
श्रीकृष्ण को चांदी की बांसुरी चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को चांदी की बांसुरी चढ़ाएं। पूजा करने के बाद इस बांसुरी को तिजोरी या पर्स में रख दें। इससे धन की प्राप्ति हो सकती है।
जन्माष्टमी का महत्व...
इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं। वे भजन और कीर्तन करते हैं। भगवान कृष्ण की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। भगवान कृष्ण के जन्म की कथा सुनी जाती है। लोग अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन करें कृष्ण जी के मंदिर के लिए ये उपाय...नौकरी और व्यापार के लिए...
जन्माष्टमी के दिन सात कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें खीर खिलाएं। ऐसा लगातार पांच शुक्रवार तक करें। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से नौकरी और व्यापार में वृद्धि होती है।
जन्माष्टमी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर घर के मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें। फिर किसी साफ चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर चौकी पर बाल गोपाल की प्रतिमा स्थापित करें। इस दिन बाल गोपाल की अपने पुत्र की तरह सेवा करें।
जन्माष्टमी पूजा सामग्री...
खीरा, शहद, पीला या लाल रंग का कपड़ा, दूध, दही, एक साफ चौकी, पंचामृत, गंगाजल, बाल कृष्ण की मूर्ति, चंदन, अगरबत्ती, दीया, अगरबत्ती, अक्षत, मक्खन, मिश्री, तुलसी का पत्ता और भोग।