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Punjab के 32 संगठन वापसी को तैयार, कहा- अब कोई बहाना नहीं बचा

 2 दिन में खत्म हो सकता है किसान आंदोलन: Punjab के 32 संगठन वापसी को तैयार, कहा- अब कोई बहाना नहीं बचा; बुधवार को अहम meeting

2 दिन में खत्म हो सकता है किसान आंदोलन: Punjab के 32 संगठन वापसी को तैयार, कहा- अब कोई बहाना नहीं बचा; बुधवार को अहम meeting


Chandigarh meeting के बारे में जानकारी देते किसान नेता।

Central government के 3 कृषि सुधार कानूनों के विरोध में एक साल से चल रहा किसान आंदोलन 2 दिन में खत्म हो सकता है। Monday को सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संगठनों की मीटिंग हुई। इसमें घर वापसी के लिए सहमति बन गई है। हालांकि, अंतिम फैसला 1 दिसंबर को होगा।

फैसला लेने के लिए बनाई गई संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की 42 लोगों की कमेटी की emergency meeting भी अब 1 दिसंबर को ही होगी। पहले यह 4 दिसंबर को होने वाली थी। Punjab के किसान नेता हरमीत कादियां ने कहा- हम जीत हासिल कर चुके हैं। अब हमारे पास कोई बहाना नहीं है। घर वापसी पर संयुक्त किसान मोर्चा की मुहर लगनी बाकी है।

किसान नेता हरमीत कादियां के मुताबिक, किसान अब घर वापसी को तैयार हैं।


कादियां ने कहा-किसानों की पूरी जीत हुई
कादियां ने कहा- लोकसभा और राज्यसभा में कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं। पराली और बिजली एक्ट से किसानों को निकाल दिया गया है। हमारी जीत पूरी हो गई है। जिन मांगों को लेकर हम आए थे, उन पर फैसला हो चुका है। MSP पर government ने कमेटी बनाने की बात कही है। उसके लिए central government को एक दिन का वक्त दिया है। इसमें किसानों के प्रतिनिधि लिए जाएंगे या नहीं और वो कितने वक्त में फैसला लेगी? इन बातों पर सब कुछ साफ होना चाहिए।

Central केस वापस करवाए, शहीद किसानों को मुआवजा दे

कादियां ने आगे कहा- पहले हमारी मांगों पर केंद्रीय मंत्री Narendra Tomar और Piyush Goyal ने ऐलान किए थे। हम चाहते हैं कि prime Minister Narendra Modi संसद में उसका ऐलान कर दें। हम शहीद किसानों को मुआवजा देने की मांग भी कर रहे हैं। Chandigarh, Delhi, Haryana और दूसरी जगहों पर किसानों पर दर्ज केस वापस लिए जाने चाहिए। सरकार पूरी तरह से झुकी है और हमारी मांगों पर आगे बढ़ रही है।

Punjab के 32 किसान संगठनों की meeting।

आंदोलन एक साल से चल रहा है। सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में सरकार ने कानून वापस ले लिए।


सरकार का रवैया अच्छा देख मीटिंग पहले बुलाई
दोआबा के किसान नेता मुकेश ने कहा- हम जंग जीत चुके हैं। पहले सरकार संसद को श्रद्धांजलि देकर खत्म कर देती थी। इस बार सरकार ने तेजी से बिल रद्द कर दिए। सरकार का रवैया देखते हुए हमने एक दिसंबर को ही मीटिंग बुला ली है। पहले भी हम 32 संगठन प्रपोजल बनाते थे और SKM में पास करवाते थे। सरकार का रवैया देख हमें उम्मीद है कि मंगलवार को बाकी मांगों पर भी ऐलान हो जाएगा।

किसान नेता जंगवीर सिंह ने कहा- हम जीत को जीत ही कहेंगे। प्रधा prime Minister Narendra Modi फैसलों  का स्वागत करते हैं।


टोल खाली करने, नेताओं का विरोध भी बंद हो सकता है
Punjab में किसान संगठन toll plaza पर लगे धरने हटाने के लिए भी तैयार हो गए हैं। इसके अलावा यहां रैलियां कर रहे नेताओं का विरोध भी बंद हो सकता है। Punjab में corporate group के संस्थानों के बाहर लगे धरने या उन्हें खोलने का विरोध भी छोड़ने की तैयारी है। इसको लेकर भी प्रपोजल तैयार हो चुका है। हालांकि SKM की मुहर से पहले नेता इसके बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं। Punjab के संगठनों का फैसला इसलिए अहम है क्योंकि आंदोलन की शुरुआत उन्होंने ही Punjab से की थी।

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