आखिरी सैल्यूट LIVE:CDS रावत और पत्नी मधुलिका का पार्थिव शरीर आज दिल्ली पहुंचेगा; रक्षा मंत्री थोड़ी देर बाद संसद में बयान देंगे
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गुरुवार शाम दोनों का पार्थिव शरीर दिल्ली लाया जाएगा। शुक्रवार सुबह इन्हें जनरल रावत के घर पहुंचाया जाएगा। यहां सुबह 11 से दोपहर 2 बजे के बीच लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
CDS और उनकी पत्नी की शवयात्रा कामराज मार्ग से बरार चौराहे तक होगी। दिल्ली कैन्टोन्मेंट में अंतिम संस्कार होगा। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज संसद के दोनों संदनों में हादसे पर बयान देंगे। वे 11 बजे लोकसभा पहुंचेंगे और उसके बाद राज्यसभा में जानकारी देंगे।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी गुरुवार सुबह कुन्नूर में हादसे वाली जगह पर पहुंचे।
हेलिकॉप्टर में सवार थे 14 लोग
तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर CDS रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उसमें जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है।
बुधवार दोपहर तक ये खबर आती रही कि हादसे में घायल हुए कुछ लोगों को गंभीर हालत में वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। जहां से करीब साढ़े पांच घंटे तक खबर आती रही कि जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत कुछ अफसर बुरी तरह घायल हुए हैं, लेकिन फिर बारी-बारी से मौत की खबर आने लगी।
पत्नी मधुलिका के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत।
दुर्घटना में इनकी मौत
हादसे का शिकार हुए Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर में जनरल रावत, उनकी पत्नी के अलावा 12 लोग और थे। चॉपर में ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी. साई तेजा, जूनियर वारंट ऑफिसर दास, जूनियर वारंट ऑफिसर ए प्रदीप और हवलदार सतपाल सवार थे। इन सभी की मौत हो गई।
सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बचे
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हेलिकॉप्टर क्रैश में बुरी तरह झुलस गए हैं।
हेलिकॉप्टर क्रैश में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बचे हैं। उनका शरीर इस हादसे में बुरी तरह झुलस गया है। वे वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती हैं। पिछले साल तेजस फाइटर जेट उड़ाते वक्त उन्हें बड़ी तकनीकी दिक्कत का सामना करना पड़ा था, पर उन्होंने साहस नहीं खोया और विमान को सुरक्षित लैंड कराया था। इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया था।