Type Here to Get Search Results !

Putin-Modi मुलाकात :गर्मजोशी से गले मिले दोनों नेता

 Putin-Modi मुलाकात :गर्मजोशी से गले मिले दोनों नेता, भारत-रूस की दोस्ती को मिलेगा 80 बिलियन डॉलर का बूस्टर डोज


मॉस्को/नई दिल्ली

एक दिन की भारत यात्रा पर पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन दिल्ली पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट से पुतिन हैदराबाद हाउस पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। पुतिन और मोदी ने मीडिया की मौजूदगी में अपने बयान दिए। मोदी ने कहा- मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत हमारा रक्षा सहयोग और मजबूत हो रहा है। रक्षा और आर्थिक क्षेत्र में दोनों देश अहम सहयोगी है। कोरोना के खिलाफ भी सहयोग रहा है। आर्थिक क्षेत्र में भी हमारे रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए हम बड़े विजन पर काम कर रहे हैं। हमने 2025 तक 30 बिलियन डॉलर ट्रेड और 50 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है। पुतिन ने कहा कि हम भारत को एक महान शक्ति, भरोसेमंद दोस्त के रूप में देखते हैं।

गिरावट के बाद तेजी


पुतिन ने कहा कि मुझे भारत का दौरा करके बहुत खुशी हो रही है। पिछले साल दोनों देशों के बीच ट्रेड में 17% की गिरावट हुई थी, लेकिन इस साल पहले 9 महीनों में ट्रेड में 38% की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं, मोदी ने कहा- हमारे बीच हुए विभिन्न समझौतों से इसमें मदद मिलेगी। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कोर डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन से हमारा रक्षा सहयोग और मजबूत हो रहा है।

कई सेक्टर्स में समझौते संभव
रूसी मीडिया के मुताबिक, पुतिन की एक दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देश ट्रेड, एनर्जी, कल्चर, डिफेंस, स्पेस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करीब 10 समझौते कर सकते हैं। डिफेंस सेक्टर पर दुनिया की नजरें ज्यादा होंगी। दो समझौतों से अमेरिका पहले ही कुछ परेशान है। ये हैं S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और दूसरा है अमेठी में AK-203 राइफलों का प्रोडक्शन। यहां साढ़े सात लाख AK-203 राइफलें बनाई जानी हैं। दुनिया में पहली बार यह राइफलें रूस से बाहर बनाई जानी हैं।

अमेरिकी दबाव
भारत और रूस के बीच जब S-400 पर समझौता हुआ तो अमेरिका इससे नाराज हो गया। उसने अपने स्पेशल एक्ट के जरिए भारत पर प्रतिबंधों की धमकी दी। ये इसी मामले में वो तुर्की पर लगा चुका है। हालांकि, S-400 की डिलीवरी शुरू हो चुकी है और अमेरिका इस पर ज्यादा कुछ नहीं कर सका है। माना जा रहा है कि भारत अब S-400 के साथ S-500 पर भी बातचीत कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो अमेरिकी रिएक्शन का इंतजार रहेगा।


क्वॉड पर रूस की आपत्ति
भारत ने अब तक सिर्फ तीन देशों के साथ 2+2 बातचीत की है। ये हमारे क्वॉड पार्टनर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं। इस लिस्ट में रूस के शामिल होने से अमेरिका को खुशी तो बिल्कुल नहीं होगी, क्योंकि भारत और रूस पहले ही कई दशक से डिफेंस पार्टनर हैं।

क्वॉड को लेकर रूस की अपनी आपत्तियां हैं और वो इसे पूरी तरह से अमेरिका को ध्यान में रखकर देखता है। जाहिर है भारत की इसमें मौजूदगी से रूस खुश नहीं है। मोदी और पुतिन की बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठ सकता है। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि क्वॉड के चार देशों के बीच इश्यू बेस्ड, यानी मुद्दों पर आधारित सहयोग है।

पुतिन सिर्फ कुछ घंटे के लिए ही भारत आ रहे हैं।


पुतिन सिर्फ कुछ घंटे के लिए ही भारत आ रहे हैं। (फाइल)


शॉर्ट विजिट से फर्क नहीं पड़ता
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पुतिन सिर्फ कुछ घंटे के लिए ही भारत आ रहे हैं। हालांकि, भारतीय और रूसी विदेश मंत्रालय का कहना है कि यात्रा छोटी होने से बिल्कुल फर्क नहीं पड़ता। एनर्जी सेक्टर में दोनों देशों के बीच अभी 30 बिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट है। 2025 तक इसे 50 बिलियन डॉलर तक करने का प्लान है। मोदी 2019 में रूस गए थे। इस दौरान 10 हजार 300 किलोमीटर के चेन्नई व्लादिवोस्तोक सी-रूट पर बातचीत हुई थी। अगर इस पर समझौता होता है तो दोनों ओर के शिप्स को एक-दूसरे के यहां पहुंचने में 24 से 40 दिन कम लगेंगे।

कोविड के दौर में पुतिन की यह सिर्फ दूसरी विदेश यात्रा है। उनके विदेश और रक्षा मंत्री एक दिन पहले भारत पहुंच चुके हैं। पुतिन ने 2019 में मोदी को ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रू से सम्मानित किया था। मोदी यह सम्मान पाने वाले अकेले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं।

खबरें और भी हैं...

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad