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Sri Lanka में emergency-कर्फ्यू बेअसर:54 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

 Sri Lanka में emergency-कर्फ्यू बेअसर:54 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हुए तो छुड़ाने पहुंच गए 600 वकील; प्रेसिडेंट गोटबाया लगा रहे विपक्ष से गुहार


Sri Lanka में सरकार से नाराज लोग हिंसक प्रदर्शन पर उतर आए हैं। हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं। emergency और कर्फ्यू का कोई डर लोगों में अब नजर नहीं आ रहा है। प्रदर्शन करते गिरफ्तार किए गए 54 लोगों को छुड़ाने के लिए 600 वकील कोर्ट जा पहुंचे। कोर्ट को 48 लोगों को छोड़ना पड़ा। वहीं, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अब विपक्ष से गुहार करते दिख रहे हैं कि वे सरकार के साथ मिलकर देश को इस संकट से उबारें।


Sri Lanka के मौजूदा हालात को समझने के लिए हमने वहां प्रदर्शनों को कवर कर रहे एक स्थानीय जर्नलिस्ट से बात की। सुरक्षा कारणों से अपना नाम जाहिर न करते हुए उन्होंने वहां के जमीनी हालात बताए। Sri Lanka की हालत जानने से पहले पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दीजिए...


Sri Lanka में इस समय हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। कोई नहीं जानता कि आगे क्या होगा। देश आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से बिलकुल अस्थिर हो चुका है।


लोग पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले उन्होंने खामोश प्रदर्शन शुरू किए। वो चुपचाप पोस्टर बैनर लेकर खड़े हुए और राष्ट्रपति से पद छोड़ने की मांग की। लेकिन, उनकी मांगें सुनी नहीं गईं।


यही वजह है कि अब धीरे-धीरे प्रदर्शन आक्रामक हो रहे हैं। एक अप्रैल को राष्ट्रपति के घर के पास हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा में तैनात स्पेशल टास्क फोर्स के बीच झड़प भी हुई।


वकील बोले, प्रदर्शनकारियों को कानूनी मदद देंगे
यहां हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। पत्थरबाजी हुई और वाहनों में आग लगा दी गई। इस हिंसा के दौरान पांच पत्रकार और कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। यहां से पुलिस ने 54 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।


पुलिस इन प्रदर्शनकारियों पर PTA (प्रिवेंशन एगेंस्ट टेरेरिज्म एक्ट) के तहत केस दर्ज करना चाहती थी, लेकिन अदालत में 600 से अधिक वकील पहुंच गए और उन्होंने गिरफ्तार किए गए लोगों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।


मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तार किए 54 लोगों में सिर्फ 6 को छोड़कर बाकी सभी को रिहा कर दिया। वकीलों ने एकजुट होकर ये संदेश दिया है कि लोग अगर प्रदर्शन करना चाहते हैं तो वो उन्हें कानूनी मदद देने के लिए तैयार हैं।



पीटे जा रहे प्रदर्शनकारी
Sri Lanka में राष्ट्रपति ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके emergency लगा दिया है। social media पर प्रतिबंध है और कर्फ्यू भी लगा है। बावजूद इसके लोग सड़कों पर निकल रहे हैं। यानी emergency और कर्फ्यू बेअसर हो गए हैं। इससे ये भी जाहिर होता है कि जब तक ये सरकार नहीं जाएगी तब तक लोग प्रदर्शन करते रहेंगे।


इसी बीच Sri Lanka के प्रधानमंत्री को छोड़कर बाकी पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति ने विपक्ष को सरकार में शामिल होने और साझा सरकार बनाने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा कि एकजुट होकर ही इस संकट से निकला जा सकता है।


प्रदर्शनकारी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं और राजनीतिक नारेबाजी भी नहीं कर रहे हैं। उनका एक ही नारा है- गोटबाया घर जाओ। 3 अप्रैल को शाम पांच बजे पूरे देश में एक साथ लोग घरों से बाहर निकलने और प्रदर्शन किया।


सरकार अपनी पूरी शक्ति से प्रदर्शनों को दबाने का प्रयास कर रही है। लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों को पीटा जा रहा है।

Sri Lanka में emergency-कर्फ्यू बेअसर:54 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार



Sri Lanka में गोटबाया सरकार के खिलाफ कस्बों, गलियों और मोहल्लों में प्रदर्शन हो रहे हैं।


मीडिया पर रोक से बढ़ी नाराजगी
सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया है, जिसकी वजह से युवाओं में आक्रोश और भी बढ़ रहा है। सरकार जितना सख्त हो रही है, लोगों में गुस्सा उतना ही बढ़ रहा है। #GoHomeGota हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया बैन के बावजूद लोग अलग-अलग तरीकों से ऑनलाइन हो रहे हैं और अपनी बात रख रहे हैं।


विदेशों में भी चल रही सरकार विरोधी मुहिम
अब दुनियाभर में रहने वाले श्रीलंकाई नागरिक भी इस मुहिम में हिस्सा ले रहे हैं। वो प्रदर्शन कर रहे हैं और Sri Lanka के लोगों के प्रति अपना समर्थन जाहिर कर हे हैं। ऐसे में दुनियाभर में भी गोटबाया के इस्तीफे की मांग तेज हो रही है।


एक पत्रकार के रूप में मैं भी प्रदर्शन कवर करने जा रहा हूं। कोलंबो के मोराटूवा इलाके में लकड़ी का काम करने वाले लोगों ने जाम लगा रखा था। मैंने देखा कि उन्होंने कोलंबो से गॉल जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग को बंद कर दिया था और भीड़ बढ़ती ही जा रही थी।


पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई है। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने मोराटूवा के मेयर के घर को घेर लिया और वहां पत्थरबाजी की। मेयर के समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों की तरफ पत्थरबाजी की। हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे।


यहां मैंने प्रदर्शनकारियों के गुस्से को समझने की कोशिश की। उनका कहना था कि मौजूदा हालात में जीना मुश्किल हो गया है और अब उन्हें डर नहीं लग रहा है।



प्रेसिडेंट गोटबाया के खिलाफ #GoHomeGota ट्रेंड कर रहा है। लोग इससे जुड़ी पटि्टयां पहनकर प्रदर्शन कर रहे हैं।


सोशल मीडिया बैन किया तो VPN से जुड़े लोग
प्रदर्शनों के लिए ऑनलाइन कैंपेन चलाए जा रहे थे। इन्हें रोकने के लिए सरकार ने social media पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सभी social media प्लेटफॉर्म ब्लॉक कर दिए गए हैं लेकिन प्रदर्शनकारी VPN का इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं भी VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के जरिए ही आपसे बात कर रहा हूं।


रविवार को भी कर्फ्यू के दौरान प्रदर्शन हुए और शनिवार को भी प्रदर्शन जारी रहे हैं। लोग किसी भी तरह पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सिर्फ राजधानी कोलंबो ही नहीं बल्कि देश के हर शहर-कस्बे में प्रदर्शन हो रहे हैं।


Sri Lanka में जब भी कुछ होता है, राष्ट्रपति अपने अधिकार का इस्तेमाल करके गजट नोटिफिकेशन जारी कर देते हैं। प्रदर्शनों के बाद लोगों के एकजुट होने पर रोक लगाने का नोटिफिकेशन भी जारी हुआ है। लेकिन, लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। मैंने कई लोगों से बात की जिनका कहना था कि उनके लिए ये गजट नोटिफिकेशन अब किसी मजाक जैसा ही है।


पैनिक बाइंग से हालात और बिगड़े
लोगों को घरों में कैद रखने के लिए देशभर में कर्फ्यू लगाया गया है। इसका एक असर ये हुआ कि घबराए हुए लोगों ने खरीदारी तेज कर दी। पैनिक बाइंग ने हालात और मुश्किल कर दिए हैं। लोगों लग रहा है कि जो सामान अभी मिल रहा है, चाहे जिस दाम पर भी, हो सकता है आगे वो भी किसी भाव ना मिले।


ऐसे लोग जो कीमत चुकाने में असमर्थ हैं या जिनके पास बहुत पैसे नहीं है, पैनिक बाइंग की वजह से वो भी बाजारों में जा रहे हैं और जो खरीद सकते हैं खरीद रहे हैं।


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