Barmer Rajasthan |
इस संबंध में सहकारिता विभाग ने 29 जिलों के बैंकों को निर्देश मांगा था और 31 जुलाई तक कर्ज बांट दिया था.
गौरतलब है कि पिछले साल भास्कर ने डिफॉल्टर किसानों को फसली ऋण नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था.
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सहकारिता मंत्री उदयलाल अजाना ने किसानों को राहत देते हुए ऋण वितरण के आदेश दिए थे.
2018 में जिन किसानों का कर्ज माफ है उनके रजिस्ट्रेशन में बैंक की साइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को लेकर परेशानी आ रही है.
- वर्ष 2018 से जुड़े किसानों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन तो कराया जा रहा है, लेकिन 2019 के कर्जमाफी का फायदा उठाने वाले किसानों के फिंगरप्रिंट नहीं छापे जा रहे हैं.
- इतना ही नहीं कई ग्राम सेवा सहकारी समितियों में दोनों देनदारों का पंजीयन नहीं है।
- -ऑपरेटिव बैंक के अधिकारियों ने बताया कि साइट न चलाकर डिफॉल्टर किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है.
- कहीं दो कर्जदारों का फायदा उठा चुके किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने से कर्ज वितरण का कर्ज है।
- दो साल से नहीं मिला कर्ज, इस बार संदेह जिले के तीस हजार किसानों को भी पिछले दो साल से नहीं मिला
- फसली कर्ज साल 2018 और 2019 में इन किसानों ने कर्ज के बाद डिफॉल्टर घोषित कर दिया।
- इस वजह से 2020 में किसानों को कर्ज नहीं मिला। खरीफ सीजन 2021 में राज्य सरकार ने डिफॉल्टर किसानों को छूट दी है,
- लेकिन साइट नहीं चलने के कारण पंजीकरण नहीं हो रहा है। पंजीकरण के बाद ऋण बांटने का प्रावधान है।
समय शुरू न होने पर भी इस बार किसान फसल ऋण से वंचित रहेंगे। नुकसान नहीं हुआ तो 31 जुलाई तक नहीं होगा खरीफ फसलों का बीमा, बैंक से नहीं मिलने वाले किसानों को नहीं मिलेगा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ पिछले वर्ष किसानों को खरीफ फसल बीमा क्लेमेंट से वंचित होना पड़ा।
राज्य सरकार की छूट के बाद कुछ किसानों का पंजीयन तो हुआ है, लेकिन कर्ज की राशि नहीं मिली है. 31 जुलाई तक साइट पर ऑनलाइन पंजीकरण के बाद ऋण वितरण प्रक्रिया पूरी नहीं होने से किसानों की फसलों का बीमा नहीं होगा। सूखे या हाइपरट्रॉफिज्म के बाद फसल को क्लैम का लाभ नहीं मिलेगा।