आज dashara:कई खूबियां थीं, लेकिन फिर भी खलनायक ही है Ravan, 10 कहानियों में समझें दशानन का जन्म ही बुराई के लिए हुआ था
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Happy dashara |
Sita को अशोक वाटिका में रखने के पीछे कारण था एक शाप
स्वर्ग-नर्क का भेद मिटाकर खुद अपनी सत्ता चलाना चाहता था
Ram से पहले भी तीन लोगों से हार चुका था दशानन
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Shubh dashara |
आज
dashara है, ये पर्व है रावण पर भगवान राम की विजय का। पौराणिक पात्रों में रावण को सबसे सशक्त खलनायक माना जाता है। एक तबका वो भी है, जो रावण को नायक की तरह देखता है, लेकिन हकीकत ये है कि रावण में कई खूबियां भले ही थीं, मगर उसका मूल स्वभाव राक्षसों वाला ही था। रावण ने अच्छे काम भी किए थे, उसके कुछ सपने भी थे जो वो पूरा करना चाहता था, लेकिन वास्तव में रावण बुरा ही था, इसीलिए उसका अंत हुआ।
जानिए, रावण से जुड़ी कुछ खास बातें, जो उसकी जिंदगी और विचारधारा दोनों को बताती हैं...
Ravan की कहानी रावण का जन्म ही बुराई के लिए हुआ था रावण ऋषि विश्रवा और राक्षस सुमाली की बेटी कैकसी का पुत्र था जब देवता शक्तिशाली हो गए , दानवों को हरा चुके थे । तब दैत्यों ने कुबेर के पिता विश्रवा मुनि से कैकसी का विवाह कराया , ताकि एक शक्तिशाली राक्षस उनकी संतान के रूप में जन्म ले । विश्रवा और कैकसी की चार संतानें हुईं । तीन बेटे रावण , कुंभकर्ण , विभीषण और एक बेटी शूर्पणखा ।
Ravan की कहानी रुलाने वाला था इसलिए रावण पड़ा नाम रावण का नाम रावण कैसे पड़ा , इसके पीछ कई तरह की कहानियां हैं । रावण का अर्थ है रुलाने वाला या भारी रोदन करने वाला । रावण जब पैदा हुआ तो बहुत जोर से रोया , उसके रोने की आवाज से सब डर गए । तब नाम रखा गया रावण । एक कहानी ये भी है कि जब रावण ने कैलाश पर्वत उठाया , तो भगवान शिव ने अपने पैर के अंगूठे से उसे दबा दिया । इसके वजन से कैलाश के नीचे उसका हाथ दब गया और दर्द के कारण उसके आंसू निकल आए । इस रुदन पर भगवान शिव ने उसे रावण नाम दिया ।
Ravan की कहानी रावण के दस सिर तपस्या का परिणाम HUT इसकी भी दो कहानियां हैं । एक कहानी कहती है भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए रावण ने अपना सिर काटकर यज्ञ में आहुति दी । भगवान ब्रह्मा ने उसका सिर फिर जोड़ दिया । ऐसा दस बार हुआ और दसों बार ब्रह्माजी ने सिर जोड़ दिया । उसकी इस भक्ति से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे वरदान दिया कि ये सारे 10 सिर उसके पास रहेंगे ।
रावण की कहानी रावण विद्वान था मगर अहंकारी भी था रावण निश्चित रूप से विद्वान था , पर अहंकारी भी था । वह वेदों का प्रकांड पंडित था । ऐसा माना जाता है कि वेदों की ऋचाओं को स्वरबद्ध करने का काम रावण ने ही किया था । ऐसा करने के लिए भगवान Shiv ने उसे कहा था । रावण परम शिवभक्त भी था । शिव को प्रसन्न करने के लिए उसने कई मंत्रों की रचना की । शिव तांडव स्तोत्र भी रावण का रचा हुआ है । रावण चिकित्सा विज्ञान और तंत्र का भी जानकार था रावण संहिता में इसका उल्लेख है ।
FARVE Ravan की कहानी भाई से छीनी Lanka और पुष्पक विमान anoth लंका रावण की नहीं थी । उसके सौतेले भाई कुबेर की थी जो ब्रह्माजी ने उसे दी थी । पुष्पक विमान भी कुबेर का ही था । ब्रह्मा जी से शक्ति का वरदान मिलने के बाद रावण सबसे पहले लंका पहुंचा और कुबेर को हराकर वहां से भगा दिया । इसके बाद लंका और पुष्पक विमान दोनों पर ही कब्जा कर लिया ।
Ravan की कहानी रावण ने शाप के कारण सीता को दूर रखा DEGENE Kauke Dames mi रावण विद्वान था , लेकिन आततायी भी था । रावण ने अपने भतीजे नलकुबेर की पत्नी रंभा के साथ बलात्कार किया था । नलकुबेर ने ही रावण को शाप दिया था कि अगर वो किसी महिला को बिना उसकी सहमति के छुएगा तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे । यही कारण था कि रावण ने सीता को अपने महल की बजाय अशोक वाटिका में रखा ।
Ravan की कहानी बुराई को बढ़ाने के रावण के अधूरे सपने रावण के कुछ सपने थे । वो मदिरा यानी शराब में से बदबू हटाना चाहता था ताकि हर कोई उसे पी सके और किसी को पता ना चले । अग्नि से धुआं हटाना चाहता था ताकि यज्ञ से उठने वाले धुएं से माहौल में सकारात्मकता ना बढ़े और देवता शक्तिशाली ना हों । स्वर्ग तक सीढ़ी बनाना चाहता था , ताकि कोई भी बिना किसी परेशानी के जब चाहे वहां आ - जा सके ।
रावण के लिए परिवार का महत्व खुद से कम था दैनिक भास्कर Ballad रावण का परिवार बड़ा था , लेकिन उसने अपनी सत्ता के सामने कभी परिवार की परवाह नहीं की । उसकी बहन शूर्पणखा ने विधुतजिव्ह नाम के राक्षस से शादी की थी , रावण इससे खुश नहीं था और उसने धोखे से विघ्धुतजिव्ह को मार दिया । विभीषण को लंका से निकाल दिया । मामा मारीच को सोने का हिरण बनने पर मजबूर किया । भाई कुबेर से भी सब कुछ छीन लिया था ।
Ravan की कहानी राम से पहले 3 लोगों से हारा था रावण रावण राम से पहले भी 3 लोगों से हार चुका था । वानरराज बालि से युद्ध करने गए रावण को बालि ने बगल में दबा कर चार समुद्रों की परिक्रमा की थी । सहस्त्रबाहु अर्जुन ने उसे अपने राज्य महिष्मति में कैद कर लिया था । पाताल लोक में राजा बलि से युद्ध करने गए रावण को बच्चों ने पकड़कर अस्तबल में बांध दिया था ।
Ravan की कहानी स्वर्ग - नर्क का भेद मिटाकर खुद भगवान बनना चाहता था दैनिक भास्कर रावण खुद को सबसे शक्तिशाली और सक्षम मानता था । वो चाहता था कि दुनिया देवताओं को छोड़ उसकी पूजा करे । स्वर्ग - नर्क का भेद मिटाना चाहता था । जब उसने एक बार यमपुरी में पापियों को सजा पाते देखा तो यमराज पर ही हमला कर दिया , यमपुरी पर कब्जा कर लिया । रावण पूरे ब्रह्मांड में अपनी सत्ता चलाना चाहता था ।
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