Corona का सबसे खतरनाक strain delta वैरिएंट जितना 100 दिन में फैला था, ओमिक्रॉन उतना सिर्फ 15 दिन में फैल चुका
Corona के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (B.1.1.529) की शुरुआती रिपोर्ट्स बेहद चौंकाने वाली हैं। WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कन्सर्न बताया है। द. अफ्रीका के 3 प्रांतों में रोज मिलने वाले 90% केस इसी वैरिएंट के हैं, जो 15 दिन पहले सिर्फ 1% थे। वैज्ञानिकों को यही बात सबसे ज्यादा डरा रही है। क्योंकि, अभी तक सबसे तेजी से फैलने वाला variant delta था, जिससे दुनिया में तीसरी लहर आई थी।
अब ओमिक्रॉन से नई लहर का खतरा है, क्योंकि यह डेल्टा से 7 गुना तेजी से फैल रहा है। यही नहीं, यह तेजी से म्यूटेट भी हो रहा है। पकड़ में आने से पहले ही इसमें 32 म्यूटेशन हो चुके हैं। इसे देखते हुए European union के सभी 27 देशों ने 7 अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर रोक लगा दी है। इधर, Bharat में नए वैरिएंट का कोई केस नहीं मिला है। फिर भी Singapore, Mauritius समेत 12 देशों से आने वाले यात्रियों की गहन जांच होगी।
South Africa के 3 प्रांतों में 90% केस ओमिक्रॉन के हैं, 15 दिन पहले ये 1% थे।
Bharat में कोरोना की स्थिति काबू में है।
गुरुवार को देश में 10,549 नए संक्रमित मिले, जो एक दिन पहले के मुकाबले 15.6% अधिक हैं। 488 मौतें हुईं। इनमें से 384 केरल में हुईं। देश में सक्रिय मरीज 1,10,133 हैं, जो कुल मरीजों के 0.32% हैं और 539 दिनों में न्यूनतम हैं। देश में 49 दिन से लगातार 20 हजार से कम नए केस मिल रहे हैं।
World में coronavirus के बढ़ते केस:
Belgium: एक दिन में 23,350 कोरोना केस दर्ज, अक्टूबर 2020 के बाद एएक दिन में सबसे ज्यादा मामले
Switzerland: एक दिन में 8,585 नए मामले दर्ज किए गए। यह नवंबर 2020 के बाद एक दिन में सबसे बड़ी बढ़त है।
Germany: एक ही दिन में 73,887 नए कोरोना मामले मिले हैं। यह एक दिन अब तक की सबसे बड़ी बढा है
Italy: 1 मई के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा 12,448 कोरोना मामले दर्ज किए गए।
France: एक दिन में 32,591 नए केस सामने आए। यह पिछले हफ्ते से 61% ज्यादा है और अप्रैल के बाद एक दिन की सबसे बड़ी ग्रोथ है।
नए वैरिएंट से जुड़े 6 अहम सवाल-जवाब:
1. वैरिएंट पहली बार कब मिला?
11 नवंबर को बोत्सवाना में मिला। उसके बाद हॉन्गकॉन्ग, इजरायल, बेल्जियम में मिला।
2. अब यह किस गति से फैल रहा है?
बहुत तेजी से। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रो. दीनान पिल्लई के मुताबिक कुछ ही सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग हुई है। इसलिए, इसकी असल रफ्तार और ज्यादा हो सकती है।
3.विशेषज्ञ चिंतित क्यों हैं?
वायरस इंसान की कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल करते हैं। वैक्सीन शरीर को इन स्पाइक को पहचानने और उन्हें बेअसर करने के लिए तैयार करती है। बी.1.1.529 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 32 वैरिएंट हैं। इससे वैज्ञानिक चिंतित हैं, क्योंकि म्यूटेशन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचकर अगली लहर का कारण बनता है।
4. नए वैरिएंट का जोखिम कितना है?
अभी इसकी जानकारी बहुत कम है। यह विदेशी यात्रियों के जरिए पहुंच सकता है।
5. इसके खतरे की सही जानकारी कब होगी?
वैज्ञानिकों को वायरस का स्वभाव समझने में एक सप्ताह लगता है। वायरस के प्रति इम्युनिटी की प्रतिक्रिया पर अच्छा डेटा आने में कई सप्ताह लग सकते हैं।
6. क्या इसे पहले ही रोका जा सकता है?
अभी ये सबूत नहीं मिले हैं कि बी.1.1.529 उसी तरह फैला है, जैसे डेल्टा फैला था। नया सही समय पर कदम उठाकर और वैक्सीनेशन से इसे भी सीमित किया जा सकता है।