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UP-Purvanchal express way एयर स्ट्रिप China की घेराबंदी:दो मोर्चों पर war में निर्णायक भूमिका निभाएगा


UP से China की घेराबंदी:दो मोर्चों पर war में निर्णायक भूमिका निभाएगा Purvanchal Expressway का runway, यहां से China सीमा 600 किमी दूर

देश में प्रस्तावित 12 एयर स्ट्रिप
देश में प्रस्तावित 12 एयर स्ट्रिप


Lucknow/Sultanpur Indian Air Force के fighter plane आज Purvanchal Expressway से उड़ान भरकर अपनी ताकत दिखाएंगे। 30 से ज्यादा fighter plane prime minister Narendra Modi के पहुंचने के बाद फ्लाई पास्ट करेंगे। इसके तहत 3.2 किलोमीटर लंबी air strip पर C-130 J hercules के उतरने के बाद अन्य विमान टच एंड गो ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर देंगे।


यह air show world को संदेश देगा कि India ने सामरिक दृष्टि से एक कदम आगे बढ़ाते हुए अपनी ताकत को बढ़ाया है। express way दो मोर्चों पर जंग होने की स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उत्तरी और eastern border के नजदीक होने की वजह से यहां से दोनों ही front पर आसानी से Fighter Jets Operate किए जा सकेंगे।


रक्षा मामलों के Specialist Air Marshal (Retd) JS Chauhan and Air Commodore (Retd) RN गायकवाड़  से बातचीत के दौरान इसके सामरिक मायने बताए। आइए जानते हैं किस तरह Purvanchal Expressway से मजबूती मिलेगी सैन्य ताकत को...


पूर्वी और उत्तरी फ्रंट पर बढ़ी ताकत

एयरफोर्स के सुखोई 30 MIK, राफेल, C 130 J सुपर हरक्यूलिस जैसे विमान अब पूर्वांचल एक्सप्रेस की एयर स्ट्रिप पर भी लैडिंग और टेक ऑफ कर पाएंगे।

पूर्वी फ्रंट पर चीन के खिलाफ युद्ध के दौरान इमरजेंसी उपयोग में आने वाला ये पहला एक्सप्रेस वे होगा।

यहां से दोनों ही फ्रंट्स की दूरी करीब 600 किलोमीटर है, ऐसे में दो से तीन घंटे की तैयारी कर आसानी से बालाकोट जैसी स्ट्राइक को आसानी से अंजाम दिया जा सकता है। ऐसे कॉम्बैट ऑपरेशन में रेस्पॉन्स टाइम सिर्फ दो से तीन घंटे का ही रहेगा।

satellite image of air strip

satellite image of air strip

मिसाइलों को यहां से दिया जाएगा मुंहतोड़ जवाब
डोकलाम विवाद के बाद चीन ने शिंझिंयाग प्रांत और तिब्बती क्षेत्र में 16 एयरबेस तैयार किए हैं। इनमें 14 हजार फीट की ऊंचाई पर अली गूंसा, बुरांग, ताझांग जैसे बड़े बेस शामिल हैं। यहां पर लड़ाकू विमानों के साथ ही चीन की लॉन्ग रेंज में मिसाइलों की जद में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के 5 बड़े एयरबेस के साथ कई बड़े शहर हैं। इनमें गोरखपुर, दरभंगा, बख्शी का तालाब, प्रयागराज सहित कई बड़े शहर शामिल हैं। इन लॉन्ग रेंज मिसाइलों के निशाने पर आते ही एयरफोर्स को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सुल्तानपुर के पास ही कॉम्बैट ऑपरेशन शुरू करने में आसानी होगी।


touch and go से दिखेगी सामरिक ताकत
एयरफोर्स के प्लान बी के तहत एयरबेस तबाह होने की स्थिति में इसी एक्सप्रेस वे का उपयोग युद्ध काल में होगा, लेकिन शांतिकाल में अभी के हालात में भारत अपनी सामरिक ताकत दिखाने के लिए इस एयर स्ट्रिप पर 30 से ज्यादा विमान उतार रहा है। यहां पर इस तरह का टच एंड गो ऑपरेशन लगातार चलता रहेगा, जिससे चीन के साथ पाकिस्तान को भारत की हवाई ताकत का आभास रहे। इसके अलावा भी जल्द ही बड़े एक्सप्रेस वे के रन-वे पर फाइटर जेट्स उतारने की तैयारी की गई है। खासतौर से पूर्वोत्तर के अलावा उत्तराखंड में इस तरह की तैयारियां भारत पूरी कर चुका है।

रविवार को हरक्यूलिस विमान को एयर स्ट्रिप पर उतारकर ट्रायल किया गया था।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एयर स्ट्रिप इसलिए जरूरी
Sultanpur से सटा है Ayodhya
करीब 150 किमी दूर है Kashi
पूर्व और उत्तर के एयरबेस हैं नजदीक
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की airstrip से पास है Nepal border

देश में प्रस्तावित 12 एयर स्ट्रिप

बॉर्डर के समीप ही Highways of Bharatmala Project पर Barmer और Jaisalmer के बीच

Phalodi और Jaisalmer के बीच National Highway पर air strip बनानेे के लिए जमीन तय

Jammu Kashmir के Bijbehara Chinar Bagh National Highway, LOC के नजदीक

Uttarakhand में Rampur-Kathgodam Highway, China सीमा के नजदीक

Paschim Bangal में Kharagpur Kanjar Highway, Bangladesh सीमा के नजदीक

Assam के Mohanbari-Tinsukia Highway, China सीमा के नजदीक

क्‍या है हाईवे स्ट्रिप

हाइवे स्ट्रिप या रोड रनवे को खासतौर पर military aircraft की लैंडिंग के लिए तैयार किया जाता है।

Emergency में यह रनवे military air Base में तब्‍दील हो जाते हैं।

युद्ध के हालात में air Base के पूरी तरह से खत्‍म हो जाने पर यहां से ही aircraft operate होते हैं।

पहली highways strip को world war-2 के दौरान बनाया गया था।

उस समय मोटरवेज को एयरक्राफ्ट की लैंडिंग के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।

हाइवे स्ट्रिप साधारण तौर पर 2 से 3.5 किलोमीटर तक लंबी होती है।

हाइवे स्ट्रिप मोटाई में ज्‍यादा होती है और इसका बेस ठोस कंक्रीट से तैयार होता है।

Air base के लिए इस्तेमाल के समय इसके पास ही airfield तैयार कर लिया जाता है।

Aircraft लैंडिंग के लिए जरूरी जगह को kotobar सिस्‍टम के जरिए control किया जाता है।


हाईवे पर हो चुकी है emergency लैंडिंग
Yamuna Express Highway पर 2015 में मिराज-2000 की लैंडिंग कराई गई थी। देश के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी हाईवे को सैन्‍य मकसद के लिए इस्तेमाल किया गया। सुबह साढ़े छह बजे के करीब Mirage-2000 को उतारा गया था। फिर करीब 8.15 बजे Air Force के एक helicopter ने भी एक्‍सप्रेस वे पर लैंडिंग की। यमुना एक्‍सप्रेस वे को तड़के तीन बजे से ही आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था।

क्‍या है रोड रनवे टेस्‍ट?
दुश्मन के हमले के समय रोड को भी रनवे बनाना पड़ सकता है। किन सड़कों पर प्‍लेन उतारा जा सकता है, यह तय करने के लिए किए जाने वाले टेस्‍ट को रोड रनवे टेस्‍ट कहते हैं। वायुसेना देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे हाईवे की तलाश करती रहती है।

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