World का दुसरा बड़ा statue Swami Ramanujacharya बन के तैयार:इसे बनाने में खर्च हुए 100 करोड़; 1600 पार्ट्स में चीन से आया, 9 महीने तो जोड़ने में लग गए
हैदराबाद
World का सबसे बड़ा सिटिंग स्टैच्यू (बैठा हुआ) 302 फीट हाइट का great buddha का है, जो थाइलैंड में है। और दूसरे नंबर पर अब भारत में 216 फीट ऊंचा स्वामी रामानुजाचार्य का स्टैच्यू हैदराबाद में स्थापित हो चुका है। हालांकि राजस्थान के नाथद्वारा में 351 फीट ऊंची शिव मूर्ति भी तैयार हो चुकी है, लेकिन इसका इनॉगरेशन मार्च में है, इसके पहले फरवरी में रामानुजाचार्य के स्टैच्यू का इनॉगरेशन पीएम मोदी करने जा रहे हैं।
इस स्टैच्यू के साथ 108 मंदिर भी बनाए गए हैं, जिन पर कारीगरी ऐसी है कि कुछ मिनट को पलकें ठहर सी जाती हैं। साथ ही 120 किलो सोने का इस्तेमाल करते हुए आचार्य की एक छोटी मूर्ति भी तैयार की गई है। इस जगह को स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी नाम दिया गया है। वैष्णव संप्रदाय के संत चिन्ना जीयर स्वामी की देखरेख में पूरे हुए इस प्रोजेक्ट पर अब तक 1400 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। नए साल से यह दर्शकों के लिए खुलने जा रहा है। ऐसे में भास्कर ने हैदराबाद पहुंचकर इस प्रोजेक्ट से जुड़ी हर एक डिटेल निकाली। साल 2022 है इसलिए ये कहानी भी 22 स्लाइड्स में...देखिए और पढ़िए ये स्पेशल रिपोर्ट।
सबसे पहले ग्राफिक्स में स्टैच्यू को समझिए, फिर आगे की कहानी…
अब सुनिए इस प्रोजेक्ट की पूरी कहानी इसे बनवाने वाले वैष्णव संप्रदाय के संत चिन्ना जीयर स्वामी, श्री रामानुजा सहस्रब्दी प्रोजेक्ट के चीफ आर्किटेक्ट प्रसाद स्थपति और इसकी डिजाइन तैयार करने वाले दक्षिण के प्रसिद्ध आर्ट डायरेक्टर आनंद साईं की जुबानी...।
स्टैच्यू बनने की इंटरेस्टिंग कहानी सिर्फ 8 स्लाइड्स में...
- STATUE OF EQUALITY मूर्ति 108 फीट , कुल ऊंचाई 216 फीट 3. त्रिदंडम 135 फीट स्टैच्यू ऑफ इक्विलिटी 216 फीट 3000 रामानुजाचार्य स्टैच्यू 108 फीट पद्मपीठम 27 फीट भद्रवेदी 54 फीट TRENE शंख और चक्र कमल पंखुड़ियों के पंखुड़ियां 54 नीचे एलिफेंट्स 36 18-18
- STATUE बनने की INTERESTING STORY / 2 बनाने 2 , अलग - अलग मूर्तियों के बेस्ट पार्ट्स से नई मूर्ति बनी • ये 4 मूर्तियां वो थीं , जिनमें किसी की आंख , किसी का हाथ , किसी के पैर सुंदर थे । • स्वामी जी ने इन 4 के बेस्ट पार्ट्स से 5 वीं नई मूर्ति तैयार करने का टास्क टीम को दिया । फिर जो नई मूर्ति बनी , उस पर दिसंबर 2014 में सबकी एक राय बनी । वो सबको पसंद आई ।
- STATUE बनने की INTERESTING STORY / मिट्टी की 14 मूर्तियां बनाई • मूर्ति कैसी बनेगी ? यह तय करने के लिए 14 मिट्टी की मूर्तियां बनाई गईं । • यह मूर्तियां चीफ आर्किटेक्ट आनंद साईं , चीफ आर्किटेक्ट प्रसाद स्थपति ने टीम के साथ मिलकर तैयार कीं । • इन 14 में से 4 मूर्तियां चिन्ना जीयार स्वामी और उनके एडवाइजर्स को पसंद आईं ।
- STATUE बनने की INTERESTING STORY / तीन मेंबर्स की टीम चीन गई • 3D स्कैनिंग के बाद मॉडल फाइनल हुआ । • रिसर्च शुरू हुई कि इसे कहां बनवाया जाए । ● • चीन में बड़े स्टैच्यू बने हैं । इसलिए तीन मेंबर्स की एक टीम चीन गई । • वहां जिस कंपनी में सरदार पटेल का स्टैच्यू बन रहा था , उससे बात नहीं जम पाई । ● • फिर चीन की ही एरोसन कॉर्पोरेशन के साथ मूर्ति बनाने का एग्रीमेंट 14 अगस्त 2015 में हुआ ।
- OF STQUALIT EQUALITY ONÀ DA SCRIECI BET3 / 22 बनने की इंटरेस्टिंग कहानी बेंगलुरु में 3D स्कैनिंग हुई ● • अब इस मूर्ति को स्टैच्यू में हूबहू बदलने का टास्क था । • इसलिए बेंगलुरू में इसकी 3D स्कैनिंग की गई । • मतलब सॉफ्टवेयर के जरिए मूर्ति का एक मॉडल कम्प्यूटर में तैयार हुआ । • • शास्त्रों में शरीर के जो लक्षण बताए गए हैं , उसी हिसाब से सभी अंग बनने जरूरी थे । • • शास्त्रों के जानकार प्रसाद स्थपति ने अपने इनपुट्स दिए और आर्किटेक्ट के साथ स्केचिंग की ।
- 6/2 बनाने हर 15 दिन में टीम चीन जाती थी • 2016 से कंपनी ने स्टैच्यू बनाना शुरू किया । • थर्मोकोल के जरिए अलग - अलग पार्ट्स की डिजाइन बनाई गई । • • हर 10-15 दिन में भारत से टीम इंस्पेक्शन के लिए चीन जाती थी । • सोल्डर तक तो काम तेजी से हुआ , लेकिन चेहरे पर आकर रुक गया । • चेहरे और आंखों की बनावट ही सबसे आकर्षक बनाने का टास्क था ।
- 15 / 2 मूर्ति की हाइट 108 फीट कुल हाइट 216 फीट हर नंबर का जोड़ स्टैच्यू शास्त्रों के तहत बनना था इसलिए सोचा गया कि जो भी मेजरमेंट हो , उसका जोड़ 9 हो । त्रिदंडम हाइट 138 फीट 3000 कमल पंखुड़ियां 54 9 एक इटर्नल ( शाश्वत ) नंबर है । सीढ़ियां शाश्वत संख्या अनिश्चितकाल तक जारी मानी जाती है । हाथी 36 पद्म पीठम 27 फीट 9 के जोड़ के चलते भी 108 ही बनाई गईं । KHUY
- 18 महीने में तैयार हुई मूर्ति 9 महीने पार्टस को असेंबल करने में लगे । • जैसे - जैसे ये पीस तैयार होते जा रहे थे , वैसे - वैसे इन्हें भारत लाया जा रहा था । • मुचिंतल के श्रीराम नगर में असेंबलिंग शुरू हुई । 18 महीने में चीन की कंपनी ने मूर्ति तैयार की । ● • 650 टन की मूर्ति 850 टन स्टील की इनरकोर के सहारे खड़ी है । • मूर्ति में 82 % कॉपर के अलावा जिंक , टिन , गोल्ड और सिल्वर लगा है ।
108 मंदिर यहां की सबसे बड़ी खासियत, इसलिए अब 4 स्लाइड्स में इनके बारे में भी जरूर पढ़िए...
1800 बार करेक्शन किया • चीफ आर्किटेक्ट चेहरे और आंखों की तस्वीरें लेकर तीन बार चीन गए । . • 1800 बार करेक्शन किया गया और 3 महीने करुणामय चेहरा बनाने में लगे । • आंखों की लंबाई 6.5 फीट और हाइट 3 फीट रखी गई । ● • स्टैच्यू के 1600 अलग - अलग पीस तैयार हुए । • खासियत ये है इसमें कहीं भी वेल्डिंग का साइन नहीं दिखता ।
STATUE OF EQUALIT 108 मंदिर सबसे बड़ी खासियत 10/22 100 मंदिरों के 12 हजार फोटो जुटाए • दक्षिण में स्थित पांच मंदिरों की टीम ने विजिट की । जबकि बाकी 100 मंदिरों के 12 हजार फोटो जुटाए । • इनका एनालिसिस करने के बाद मंदिरों में स्थापित की जाने वाली मूर्तियों के स्कैच तैयार किए गए । ● हर एक मंदिर पर रिसर्च की और उससे जुड़ा डाटा कलेक्ट किया । • इन मंदिरों को कृष्णशिला से बनाया गया । इनमें वैसी ही कारीगरी हुई , जैसी मूल मंदिर में है ।
इनॉगरेशन की कहानी...
108 मंदिर सबसे बड़ी खासियत 9/22 108 वैष्णव मंदिर बनाए • संत रामानुज ने वैष्णव संप्रदाय के 108 दिव्य देशम ( भगवान विष्णु के वह 108 मंदिर जहां 12 आलवार यानी तमिल संतों ने तीर्थ किया था ) से प्रेरणा ली थी । ● • 108 में से 105 मंदिर भारत में और एक नेपाल में हैं । बाकी दो अन्य किसी स्थान पर माने जाते हैं । . • ऐसे में इन्हें भी रामानुज की मूर्ति के आसपास बनाने का डिसीजन हुआ । • इन्हें ठीक उसी तरह बनाया गया , जैसे ये मूल स्थान पर बने हुए हैं । सिर्फ स्वरूप छोटा है ।
108 मंदिर सबसे बड़ी खासियत 11/22 तीन राज्यों से लाए स्टोन • राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से पिंक स्टोन , भैंसलाना से ब्लैक मार्बल , आंध्र और तमिलनाडु से ब्लैक स्टोन लाए गए । • एक खास तरह का ब्लैक मार्बल चीन से लाया गया । • नक्काशी के लिए इन जगहों के कारीगरों को साइट पर लाया गया ।
कैंपस की बाकी खूबियों को भी जान ही लीजिए, सिर्फ 3 स्लाइड्स में...
108 मंदिर सबसे बड़ी खासियत 12/22 अलग - अलग कामों के माहिर कारीगर जुटाए ● • माउंट आबू के कारीगरों ने पत्थरों पर नक्काशी की । • • जयपुर के कारीगरों ने रेलिंग और दिव्य देशम पर नक्काशी की । • तमिलनाडु के कारीगरों ने दिव्य देशम की मूर्तियां बनाईं । • आंध्र के कारीगरों ने भी दिव्य देशम के पत्थरों में नक्काशी की । • आर्ट डायरेक्टर आनंद साईं ने इनका डिजाइन तैयार किया । ● • 2018 में मंदिर में लगने वाले पत्थरों की नक्काशी शुरू हुई ।
STATUE OF EQUALIT बाकी खूबियों को भी जानिए 13/2 42 फीट लंबा म्यूजिकल फाउंटेन KHE • पूरा कैंपस 200 एकड़ में फैला है , जबकि स्टैच्यू साइट 40 एकड़ में है । ● • स्टैच्यू , दिव्य देशम के अलावा यहां 42 फीट लंबा म्यूजिकल फाउंटेन भी है । • म्यूजिकल फाउंटेन चीन से आया है । इसके जरिए रामानुजाचार्य की लीलाओं को दिखाया जाएगा । • एंट्रेंस में हनुमान जी और गरुड़ा की 18-18 फीट ऊंची मूर्ति होगी ।
STATUE OF EQUALITY , इनॉगरेशन की कहानी डेढ़ लाख किलो देशी घी से यज्ञ होगा • 2 से 14 फरवरी तक यहां पूजन होगा । ● यज्ञ में डेढ़ लाख किलो देशी घी लगेगा । ● • देशी घी देशभर के अलग - अलग हिस्सों से इकट्ठा किया जा रहा है । DES D8000 1035 कुंडों का लक्ष्मी नारायण यज्ञ होगा
अब खर्चे की बात...
STATUE OF REQUALITY . अब खर्चे की बात ... अब तक 1400 करोड़ रु खर्च AF ALKOTTA A 16/22 100 करोड़ रु सिर्फ मूर्ति पर खर्च हुए हैं । O • पहले इस प्रोजेक्ट का खर्चा 400 करोड़ आंका गया था । • बाद में यह बढ़कर 800 करोड़ पर पहुंच गया । ● • अभी तक 1400 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं । • यह पूरा पैसा देश - विदेश से मिले दान से आया है ।
आखिर इतना बड़ा स्टैच्यू बनाने का मकसद क्या है...
STATUE OF EQUALIT स्टैच्यू बनाने का मकसद 18/2 आचार्य की चर्चा हो , इसलिए स्टैच्यू बनाया • दुनिया में जो सबसे ऊंचा , लंबा , बड़ा होता है उसकी चर्चा ज्यादा होती है । • इसलिए संत रामानुजाचार्य की इतनी ऊंची मूर्ति बनाई गई , ताकि नई पीढ़ी उनके बारे में जाने । ● • 216 फीट ऊंची मूर्ति बनाने का डिसीजन साल 2014 में हुआ था । प्रोजेक्ट पूरा होने में 8 साल लगे ।
पूर्व राष्ट्रपति प्रोजेक्ट देखने आए थे , पीएम लोकार्पण करेंगे 11 ● • पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी यह प्रोजेक्ट देखने आए थे । अब फरवरी में पीएम मोदी इसका लोकार्पण करने जा रहे हैं । • स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी की मुख्य कमेटी में एचएच चिन्ना जीयर स्वामी , अहोबिला रामानुज जीयर स्वामी , देवनाथ जीयर स्वामी और डॉ . रामेश्वर राव जुपल्ली शामिल हैं ।