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Hindi news प्रधानमंत्री संग्रहालय का काम पूरा, 14 को खुलेगा

  प्रधानमंत्री संग्रहालय का काम पूरा, 14 को खुलेगा: जहां सिर्फ नेहरू की कहानियां थीं, अब वहां सभी प्रधानमंत्रियों और प्रमुख नेताओं के भी किस्से हैं

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तीन मूर्ति भवन के 45 एकड़ अहाते में बना भव्य प्रधानमंत्री संग्रहालय आजाद भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की पूरी कहानी लेकर तैयार है। 14 अप्रैल को भीमराव आम्बेडकर जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। इसमें एक गैलरी उनके अब तक के कार्यकाल पर भी है। संग्रहालय में अब तक के सभी 15 प्रधानमंत्रियों के साथ ही पांच शीर्ष राष्ट्र नायकों का यशोगान शामिल है।

जिस तीन मूर्ति भवन में अब तक पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से जुड़ी यादों का संग्रहालय था, अब वहां देश के सभी प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, बाबा साहेब आंबेडकर और जय प्रकाश नारायण (JP) के व्यक्तित्व और कृतित्व को पेश किया गया है। करीब 271 करोड़ रुपए लागत से बने संग्रहालय में प्रधानमंत्रियों की कहानी का लेखन मशहूर पत्रकार और पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने किया है।

बता दें मी-टू विवाद में अकबर को मंत्री पद गंवाना पड़ा था। संयोग यह है कि 2018 में जब संग्रहालय बनाने का फैसला हुआ, उसी साल मी-टू मूवमेंट में अकबर का नाम आया था। इसके चलते अक्टूबर 2018 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। 10 हजार वर्ग मीटर में बने तीन मंजिला संग्रहालय में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से शासनाध्यक्षों के जीवन, भाषणों और कृतित्व को उकेरा गया है। संग्रहालय का उद्घाटन कई बार टल चुका है। पहले अटल जी की जयंती 25 दिसंबर और फिर 26 जनवरी को खोला जाना था। अब 14 अप्रैल की तारीख को इसका शुभारंभ तय हुआ है।

इंदिरा, शास्त्री, राजीव को मिली ज्यादा जगह
म्यूजियम में हर प्रधानमंत्री को बराबरी का सम्मान दिया गया है। इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी व अटल बिहारी वाजपेयी को ज्यादा जगह मिली है। उदारीकरण के लिए नरसिंहराव और मनमोहन सिंह का प्रशस्ति गान है। वाजपेयी को परमाणु पुरुष के रूप में पेश किया गया है। यहां पोकरण परमाणु परीक्षण विशेष आकर्षण है।

कांग्रेस ने किया था विरोध
जुलाई 2018 में जब यहां म्यूजियम बनाने की घोषणा की गई थी तब कांग्रेस नेताओं ने इसका विरोध किया था। तब तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया था कि म्यूजियम बनाने का उद्देश्य 17 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे नेहरू की विरासत को कम करना नहीं है।

नेहरू का आवास था तीन मूर्ति भवन
तीन मूर्ति भवन में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आवास था। उनके बाद में उनकी स्मृति में इसे संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया है। उनके जीवन की झलक आज भी यहां उनके छाया-चित्रों में देखी जा सकती है। सीढ़ीनुमा गुलाब उद्यान एवं एक दूरबीन यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। इसी गुलाब उद्यान से नेहरु जी अपनी शेरवानी का गुलाब चुना करते थे।

 

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