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Shahbaz Sharif पर गंभीर आरोप Qatar में Israel अफसरों से मिले PM

 

Shahbaz Sharif पर गंभीर आरोप:Imran सरकार में मंत्री रहीं शिरीन मजारी बोलीं- Qatar में Israel अफसरों से मिले PM, सच्चाई बताएं

इस्लामाबाद

Shahbaz Sharif पर गंभीर आरोप Qatar में Israel अफसरों से मिले PM


Pakistan के प्रधानमंत्री Shahbaz Sharif पर आरोप लग रहे हैं कि पिछले दिनों उन्होंने कतर की राजधानी दोहा के एयरपोर्ट पर प्लेन में Israel के कुछ अफसरों से मुलाकात की। Imran खान सरकार में मंत्री रहीं शिरीन मजारी ने विदेश मंत्रालय और शहबाज से इस मामले में सफाई मांगी है। दोनों की तरफ से अब तक इस मामले में कोई जवाब नहीं आया है।
Pakistan दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हैं जिन्होंने अब तक Israel को मान्यता नहीं दी है। Imran जब प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने खुलासा किया था कि उन पर Israel को मान्यता देने के लिए भारी दबाव डाला जा रहा है।

संयोग था या कुछ और

शिरीन मजारी ने पहले इस मामले में सोशल मीडिया पर सवाल उठाए। उसके बाद एक बयान जारी किया। Shahbaz Sharif और विदेश मंत्रालय से जवाब मांगा। कहा- मंगलवार को प्रधानमंत्री दुबई पहुंचे। यहां उनके एयरक्राफ्ट के ठीक बगल में Israel खुफिया एजेंसी मोसाद का एयरक्राफ्ट कुछ घंटे बाद आकर खड़ा हो गया। मोसाद का यह स्पेशल मिशन जेट था। इसका नंबर n467am था। यह दोहा एयरपोर्ट पर करीब 9 घंटे रुका।

Shahbaz Sharif पर गंभीर आरोप Qatar में Israel अफसरों से मिले PM


शिरीन ने आगे लिखा- शहबाज और मोसाद के एयरक्राफ्ट एक-दूसरे के बगल में 9 घंटे खड़े रहे। हमें यह बताया जाए कि यह महज इत्तेफाक था या कुछ और? क्या शहबाज या उनके अफसरों ने एयरक्राफ्ट में मोसाद के अफसरों से सीक्रेट मुलाकात की। क्या ये इसलिए किया गया ताकि मीडिया की नजरों में यह मामला न आ जाए?



आरोप गलत तो खंडन कीजिए
शिरीन ने इस मामले पर आगे लिखा- मैं जो दावा कर रही हूं वो ओपन सोर्स के बेस पर है। प्लेन ट्रैकिंग वेबसाइट्स पर भी इसका डेटा मौजूद है। अगर मेरे आरोप गलत हैं तो Shahbaz Sharif या विदेश मंत्रालय को इनका खंडन करना चाहिए। क्या अमेरिका ने हमारी सरकार अपने इसी एजेंडा (Israel को मान्यता दिलाने) को पूरा करने के लिए गिराई।

शहबाज इसी हफ्ते मंगलवार और बुधवार को कतर दौरे पर गए थे। उनके साथ पाकिस्तानी सेना कुछ बड़े अफसर भी शामिल थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि Qatar में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप में Pakistan की Army security assistance देगी। हालांकि, अब तक Qatar ने कुछ नहीं कहा है।

Saudi ने भी नहीं दी है मान्यता
Israel को एक आजाद मुल्क बने 70 साल से ज्यादा हो गए, लेकिन फिलिस्तीन विवाद की वजह से अब तक कई मुस्लिम देशों ने उसे मान्यता नहीं दी है। Pakistan और Saudi अरब उन इस्लामिक देशों में शुमार हैं, जिन्होंने फिलिस्तीन से एकजुटता दिखाने के लिए अब तक Israel को मान्यता नहीं दी है। दोनों देश UN छोड़कर ऐसे किसी प्लेटफॉर्म पर नहीं जाते, जहां Israel की मौजूदगी हो।


पिछले साल Israel के तब के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट UAE दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने खाड़ी देशों में सुरक्षा को लेकर वहां की सरकार से इजराइली प्लान शेयर किया था।


मुल्क की नब्ज भांपने की कोशिश
कुछ वक्त पहले Pakistan के पूर्व आर्मी जनरल अमजद शोएब ने एक TV program में कहा था- दुनिया बदल रही है और हम Israel जैसे देश के साथ हमेशा मजहब के आधार पर दुश्मनी नहीं रख सकते। ये समझदारी का काम नहीं है। बहरीन, UAE और ओमान जैसे देश Israel को मान्यता दे चुके हैं। इन देशों को इसका जबरदस्त फायदा भी हो रहा है। मुझ से कई लोग इस बारे में सवाल करते हैं कि आप, यानी Pakistan पीछे क्यों है।

यहां एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि शोएब का बयान क्यों अहम है। दरअसल, TV program या डिबेट में शिरकत करने वाले पूर्व अफसरों के नाम पाकिस्तान के आर्मी चीफ और वहां का मीडिया विंग DG ISPR तय करता है। लिहाजा, ये शोएब का यह बयान निजी नहीं था। माना ये जा रहा है कि मुल्क के कट्टरपंथियों का इजराइल के बारे में रिएक्शन देखने के लिए ही यह बयान दिलवाया गया था।

दुनिया में चंद मुस्लिम देश ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक इजराइल को मान्यता नहीं दी है। इनमें Pakistan के अलावा Saudi अरब भी शामिल हैं। हालांकि, बैकडोर से वो Israel के साथ है।


दुनिया में चंद मुस्लिम देश ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक इजराइल को मान्यता नहीं दी है। इनमें Pakistan के अलावा Saudi अरब भी शामिल हैं। हालांकि, बैकडोर से वो Israel के साथ है।


पर्दे के पीछे America

गल्फ स्टेट्स, यानी खाड़ी देशों की हिफाजत का जिम्मा हमेशा से America ने लिया है। Israel और America की राय लगभग हर मामले पर एक ही रही है। America के सामने रूस और चीन की चुनौतियां हैं। चीन भी खाड़ी में पैर पसारने की कोशिश कर रहा है। कई मोर्चों पर अमेरिका और चीन आमने-सामने हैं।


America चाहता है कि मुस्लिम देश Israel का विरोध खत्म करें और उसकी लीडरशिप में एक नया अलायंस बने। इसके लिए वो हर हथकंडा चुपचाप इस्तेमाल कर रहा है। ये नेवी एक्सरसाइज भी इसी प्लान का हिस्सा है।


मुमकिन है बहुत जल्द Israel और Saudi अरब के Diplomatic relationship बनें। पिछले साल एक हाईलेवल इजराइली Delegation चुपचाप रियाद के करीब नए बसाए जा रहे शहर नियोन पहुंचा था। इसकी पुष्टि फ्लाइट डेटा ट्रैकर से हो चुकी है। कहा जाता है कि उस स्पेशल फ्लाइट में Israel के तब के President Benjamin Netanyahu भी थे। यानी बैकडोर डिप्लोमैसी के तहत बहुत कुछ पक रहा है, चल रहा है। रही बात Pakistan की तो उससे Israel को कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि Pakistan वही करेगा जो उसे कर्ज देने वाला Saudi अरब कहेगा।


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