IPL नीलामी में बिके इंदौर के आवेश:लखनऊ की टीम ने 10 करोड़ में खरीदा; मां बोली- मैंने हमेशा खेलने से रोका, पिता चलाते हैं पान की दुकान
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में पहले RCB और उसके बाद DC का हिस्सा रह चुके इंदौर के युवा तेज गेंदबाज आवेश खान को इस बार लखनऊ टीम ने 10 करोड़ रुपए में खरीदा है। इसके साथ ही वह IPL इतिहास के सबसे महंगे अनकैप्ड (एक भी अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं खेलने वाले) खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने ऑलराउंडर कृष्णप्पा गौतम को पछाड़ा, जो IPL 2021 की नीलामी में ₹9.25 करोड़ के साथ सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ी बने थे। आवेश को IPL में पहली बार बेंगलुरु ने 10 लाख रुपए में खरीदा था। वहीं अगले सीजन में दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें 75 लाख में खरीदा था।
2017 में किया था IPL डेब्यू, पिछला सीजन शानदार रहा
13 दिसंबर 1996 को इंदौर में जन्मे आवेश ने 14 अप्रैल 2017 को इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से IPL डेब्यू किया। 5 फरवरी 2018 को उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में मध्य प्रदेश की ओर से लिस्ट-ए क्रिकेट में डेब्यू किया। 2018 से आवेश दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेल रहे हैं। आवेश ने दिल्ली कैपिटल्स (DC) की ओर से खेलते हुए 16 मैच में 24 विकेट लिए। 140 की स्पीड से गेंदबाजी करने वाले आवेश का औसत 19 का और स्ट्राइक रेट 15 का रहा था। पिछले सीजन में शानदार गेंदबाजी करने वाले आवेश से इस सीजन में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।
पिता चलाते हैं पान की दुकान, बेटे को टेस्ट कैप में देखना चाहते हैं
आवेश के पिता आशिक खान की इंदौर में पान की दुकान है। वे अपने बेटे को टेस्ट मैच खेलते देखना चाहते हैं। जब उनसे पूछा गया कि नीलामी के बाद आपकी बेटे से बात हुई क्या, तो उन्होंने बताया कि हां उसका फोन आया था, लेकिन मैंने उससे कहा कि बाद में बात करते हैं। क्योंकि आवाज साफ नहीं आ रही थी।
पिता बोले- बचपन से सिर्फ क्रिकेट की जिद करता था
आवेश को अब तक टीम इंडिया के लिए कोई मैच खेलने का मौका नहीं मिल सका है। उन्होंने IPL करियर में कुल 25 मैच खेले हैं, जिसमें 29 विकेट लिए हैं। एडवांस्ड एकेडमी से स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले आवेश ने रेनेसा कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट से BCom की डिग्री पूरी की है। उन्हें वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए टीम इंडिया में बतौर रिजर्व प्लेयर चुना गया था। पिता के मुताबिक आवेश सिर्फ क्रिकेट खेलने की ही जिद करता था। सब काम छोड़कर क्रिकेट पर ही फोकस करता था। करीब 10 घंटे प्रैक्टिस को ही देता था।
मां बोलीं- मैंने हमेशा खेलने से रोका
आवेश की मां ने बताया कि उन्होंने बेटे को हमेशा क्रिकेट खेलने से रोका था। उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता था कि ये एक दिन देश का नाम रोशन करेगा। टीम में सिलेक्शन हुआ है, तो खुशी मिलती है। बेटे को अच्छा खेलते देखना चाहती हूं।